हर व्यक्ति को कभी न कभी लोन की जरूरत पड़ती है। कोई घर खरीदने के लिए होम लोन (Home Loan) लेता है, तो कोई इमरजेंसी में पर्समल लोन (Personal Loan) का सहारा लेता है। लेकिन बार-बार लोन के लिए अप्लाई करने पर इसका असर क्रेडिट स्कोर (Credit Score) पड़ता है। ऐसे में लोन अप्लाई करने से पहले क्रेडिट स्कोर जरूर चेक करना चाहिए।
क्यों घटता है क्रेडिट स्कोर?
अगर आप बहुत कम समय में बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं तो यह आपके ऊपर वित्तीय दबाव का संकेत देता है। जब भी आप किसी बैंक या NBFC से लोन के लिए संपर्क करते हैं तो वे आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में हार्ड इन्क्वायरी दर्ज करते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार, एक से ज्यादा हार्ड इंक्वायरी आपके स्कोर को घटा सकती है और यह दिखाता है कि आप जरूरत से ज्यादा उधारी पर निर्भर हैं।
लोन के चक्कर में क्यों फंसते हैं लोग?
कई बार लोग एक लोन चुकाने से पहले ही दूसरा ले लेते हैं। कभी मेडिकल इमरजेंसी, तो कभी शादी या एजुकेशन के लिए मल्टीपल लोन (Multiple Loans0) लेना पड़ता है। लेकिन लगातार लोन लेने से ना सिर्फ EMI का बोझ बढ़ता है, बल्कि लेंडर को भी संदेह होता है कि आप फाइनेंशियली अस्थिर हैं।
बार-बार पूछताछ से आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर असर पड़ता है। अगर आप लगातार लोन एप्लीकेशन (Loan Application) दे रहे हैं, तो आपके लोन के अप्रूव होने की संभावना भी घट जाती है। बैंक सोचते हैं कि आप कर्ज के बोझ में हैं और समय पर रीपेमेंट नहीं कर पाएंगे।
कैसे रखें क्रेडिट स्कोर मेंटेन? (How to maintain credit score?)
अगर आप अपने क्रेडिट स्कोर को स्थिर और अच्छा बनाए रखना चाहते हैं तो नीचे दिए गए टिप्स को फॉलो करें-