
Adani Group Stocks: अडानी ग्रुप से जुड़ी हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) की जांच पूरी हो गई है और इसमें अडानी ग्रुप को बड़ी राहत मिली है। सेबी ने कहा है कि हिंडनबर्ग रिसर्च के जिन आरोपों में कहा गया था कि अडानी की लिस्टेड कंपनियों में गड़बड़ियां की गईं, वो सही साबित नहीं हुए।
सेबी ने साफ किया कि जिन लेन-देन को लेकर आरोप लगे थे, वे कानून के दायरे में थे, और सभी जरूरी खुलासे भी किए गए थे। सेबी के इस फैसले के बाद शुक्रवार को अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला।
शेयरों में आई तेजी
गौतम अडानी ने क्या कहा?
सेबी की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि सेबी की गहराई से हुई जांच ने यह साफ कर दिया है कि हिंडनबर्ग के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद थे। हम पहले दिन से यही कह रहे थे। पारदर्शिता और ईमानदारी हमारे काम की पहचान है।
उन्होंने आगे कहा कि हम उन निवेशकों का दर्द समझते हैं जिन्होंने उस झूठी और सुनियोजित रिपोर्ट के कारण नुकसान झेला। जिन्होंने झूठ फैलाया, उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।
सेबी ने क्या बताया?
सेबी ने कहा कि Adani Ports, Adani Power, और Adani Enterprises पर आरोप था कि उन्होंने Adicorp Enterprises, Milestone Tradelinks और Rehvar Infrastructure जैसी कंपनियों के जरिए फंड का हेरफेर किया। लेकिन जांच में ऐसा कुछ भी साबित नहीं हुआ।
सेबी ने कहा कि कोई भी लेन-देन न तो नियमों का उल्लंघन करता है और न ही इसे ‘रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन’ माना जा सकता है।
जांच में पता चला कि Adani Ports ने Adicorp Enterprises को जो लोन दिया था, वह कहीं से भी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों में वापस नहीं आया। यानी पैसे का दुरुपयोग या राउंड ट्रिपिंग नहीं हुई।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट का असर
बता दें कि जनवरी 2023 में अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर फर्जीवाड़े और शेयरों की कीमत बढ़ाने के गंभीर आरोप लगाए थे, जिससे ग्रुप की कंपनियों का बाजार पूंजीकरण $150 अरब डॉलर तक गिर गया था।
हालांकि, अब सेबी की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप को बड़ी क्लीन चिट मिली है और ये मामला लगभग बंद होता नजर आ रहा है।





