GST: साल 2017 में GST लागू होने के 8 साल के बाद, साल 2025 में केंद्र सरकार जीएसटी टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव कर सकती है। इस बदलाव का सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा।
मध्यम और निम्न-आय वर्ग के परिवारों को राहत देने के मकसद से केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर (GST) स्लैब में बड़े बदलाव की तैयारी में है। इंडिया टुडे के सहयोगी हिमांशु मिश्रा ने अपने सूत्रों के अनुसार बताया कि सरकार 12% GST स्लैब को पूरी तरह खत्म करने या उसमें शामिल जरूरी कंज्यूमर प्रोडक्ट को 5% स्लैब में डालने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
फिलहाल 12% GST स्लैब में आने वाली अधिकांश वस्तुएं आम जीवन में रोजाना इस्तेमाल की जाती हैं जो मध्य वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की खपत का बड़ा हिस्सा हैं। सरकार की योजना इन वस्तुओं को सीधे 5% GST स्लैब में डालने की है, जिससे इनके दामों में सीधा असर पड़ेगा और आम जनता को राहत मिलेगी।
इसके अलावा, सरकार 12% स्लैब को पूरी तरह हटाकर उसमें आने वाले प्रोडक्ट को 5% या उच्च स्लैब्स में रि-कैटेगराइजेशन करने पर भी विचार कर रही है।
इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल की आगामी 56वीं बैठक में लिया जा सकता है। बैठक के लिए 15 दिन की पूर्व सूचना जरूरी होती है, लेकिन उम्मीद है कि यह सत्र जुलाई के अंत तक आयोजित किया जा सकता है।
चुनाव से पहले का यह फैसला न केवल राजनीतिक रूप से अहम होगा, बल्कि जरूरी वस्तुओं की महंगाई को कम करने में भी मददगार साबित हो सकता है। यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो यह 2017 में GST लागू होने के बाद सबसे बड़ा कर-संरचना सुधार माना जाएगा।
GST काउंसिल की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करती हैं और इसमें सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं। काउंसिल ही दरों में बदलाव की सिफारिश करने का अधिकार रखती है।