रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने मैकिन्ज़ी के गौतम कुमरा से खास बातचीत में बताया कि भारत का 5G इन्फ्रास्ट्रक्चर कैसे जमीन से शून्य से खड़ा किया गया। उन्होंने कहा कि साल 2021 में हमने 5G लॉन्च किया। कोर से लेकर हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर तक- हर एक हिस्सा हमने खुद बनाया।
हालांकि कुछ हिस्सों में रिलायंस ने एरिक्सन और नोकिया जैसे ग्लोबल कंपनियों के साथ सहयोग किया, लेकिन अंबानी के अनुसार, 80 प्रतिशत तकनीक इन-हाउस विकसित की गई। उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं चाहता था कि हमारी टीम आत्ममुग्ध हो जाए। मैंने उनसे कहा, ‘तुम्हें इनसे बेहतर बनना होगा जो अब हम हैं। यही हमारे पास वो खास क्षमताएं हैं, जो हमें अनोखी सेवाएं देने में सक्षम बनाती हैं।’
मुकेश अंबानी ने आगे कहा कि रिलायंस की यह इनोवेशन वाली सोच सिर्फ टेलीकॉम तक सीमित नहीं है। अंबानी के मुताबिक, यह दृष्टिकोण उनकी कंपनी के हर क्षेत्र में लागू होता है खासतौर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में।
उन्होंने कहा कि AI के क्षेत्र में हमने अपना उद्देश्य तय किया है- समाज की जटिल समस्याओं को हल करना और देश व लोगों के लिए संपत्ति का निर्माण करना।
अंबानी ने GPU जैसे हाई रिस्क सेक्टर में प्रवेश करने से बचते हुए ‘डाउनस्ट्रीम’ तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति अपनाई है। उनका मानना है कि जब कंपनी का उद्देश्य स्पष्ट होता है, तो बेहतरीन प्रतिभाएं खुद उसके साथ जुड़ना चाहती हैं। अंबानी ने कहा कि 500 लोग OpenAI या अन्य जगहों पर भी काम करते हैं, लेकिन जब वे आपकी दिशा और उद्देश्य से जुड़ते हैं, तो वे आपके लिए काम करने को तैयार होते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि आज के एशिया जैसे तेजी से बदलते क्षेत्र में लीडर का मतलब है- तकनीक का सही उपयोग और उद्देश्य की स्पष्टता। मुकेश अंबानी ने कहा कि अगर आपका लक्ष्य साफ है और आप जानते हैं कि तकनीक का इस्तेमाल कैसे करना है, तो आप अपनी ‘नॉर्थ स्टार’ तक जरूर पहुंचेंगे।
यह इंटरव्यू मैकिन्ज़ी एंड कंपनी की ‘लीडिंग एशिया’ सीरीज का हिस्सा है, जो एशिया के भविष्य को आकार दे रहे नेतृत्व मॉडल्स को उजागर करती है।